महोब्बत की गुज़ारिश



महोब्बत की गुजारिश, हमने कभी की ही नहीं..
अगर कहें तो, ये हमारा तौर ए ज़िंदगी ही नहीं।।दरिया बादल बन कर घर पर बरसता है हमारे..
हम कभी दरिया पर प्यास बुझाने गए ही नहीं।।अंकित गुप्ता